शिव जी की आराधना
हर कन्या की मनोकामना
शिव जी जैसा वर
क्यों ??
राम ,कृष्ण, विष्णु जैसे क्यों नहीं
जो कैलाश पर विराजे हैं महलों से दूर
सर्प हैं गले में
राख - भभूत मले हैं शरीर में
क्रोध में उनसे किसी का मुकाबला नहीं
औघड़ हैं वे फिर भी प्रिय हैं
एक बात तो हैं उनमें जो सबसे अलग है
वे न पैर दबवा रहे हैं विष्णु की तरह
उन्होंने पत्नी को नहीं त्यागा राम की तरह
वे कृष्ण नहीं कि प्यार किसी से ब्याह किसी से
वे गौरा को समानता का दर्जा दिए हैं
उनके साथ विराजे हैं
परिवार के साथ हैं
भले सब का स्वभाव अलग - अलग हो
वे तो नंदी , सांप , बाघम्बर, शीतल गंगा , चंद्रमा के साथ हैं
किसी को अपने गले में धारण किया है
किसी को सर पर बिठाया है
शक्ति होकर भी भोले हैं
जल्दी प्रसन्न होते हैं
पत्नी को और कुछ नहीं पति का साथ चाहिए
तभी तो वर शिव जैसा हो
यही तो सब कुवारियां चाहती है