Wednesday, 31 December 2014

अलविदा २०१४ , स्वागत २०१५

नया आगाज़, नई उम्मीद लेकर आया २०१५,
२०१४ को अलविदा कहने का समय है।

महिंद्रा सिंह धोनी का टेस्ट क्रिकेट को अलविदा।

महिंद्रा सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया, यह बात क्रिकेट प्रेमियों को आसानी से हज़म नहीं हो रही है। धोनी अच्छे कप्तान रहे है। उनकी कप्तानी में उनसे सीनियर सचिन तेंदुलकर भी खेलते रहे है।

पी . के फिल्म पर क्यों बवाल ?

आमिर खान की पी.के फिल्म इन दिनों विवादों से घिरी हुई है। कही प्रदर्शन किये जा रहे है तो कही पोस्टर जलाये जा रहे है। सिनेमा हॉल को नुक्सान पहुँचाया जा रहा है। लोगों की भावनाएँ आहत हुई है, फिर भी फिल्म

Tuesday, 30 December 2014

ज्ञान और अज्ञान उसी तरह जैसे कुआँ और टंकी।

पानी की टंकी और कुएँ में कितना फर्क ?
ज्ञानी व्यक्ति कुएँ के समान है,
जिससे जितना भी पानी लो, वह कभी खत्म नहीं होता।

ज्योतिष युग कितना कारगर ?

टी.वी चैनल पर ज्योतिष, कालचक्र, पंडिताइन, एस्ट्रो - अंकल, वास्तु के टिप्स किसी न किसी रूप में दिखाए जाते है।  एक दिन पहले ही भविष्य पता चल जाता है।  हर चैनल पर अलग - अलग ज्योतिषियों की सलाह।

उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश कब बनेगा ?

कहा जाता है की दिल्ली की सत्ता उत्तरप्रदेश से होकर गुजरती है।
यूपी ने सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देश को दिए है।
बड़े - बड़े राजनीतिज्ञ यूपी की ही देन है,
नेहरू - शास्त्री से लेकर वाजपेयी तक।

Monday, 29 December 2014

ठंडी और गर्मी का वैसे ही जैसे अमीरी - गरीबी का संबंध।

ठंड का कहर जारी, बर्फ जम रही है,
कुछ लोग इस मौसम का मजा लेने पहाड़ पर जा रहे है,
कुछ को ठंड से बचने के लिए जद्दोजहद करनी पड रही है,

" जनता मेहरबान तो नेता बलवान "

२०१४ का काल भारतीय राजनीति का ऐतिहासिक काल कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
बिना राजनितिक अनुभव के आम आदमी पार्टी को सत्ता तक पहुँचा देना।
एक साधारण कार्यकर्त्ता से प्रधानमंत्री के शिखर तक पहुँचना।

शौक जिंदगी से बड़ी नहीं !!

नशे की बीमारी से छुटकारा पाने की ज़रूरत है. नौजवान पीढ़ी बर्बाद हो रही है,
प्रधानमंत्री जी ने मन की बात में नशे की बढ़ती समस्या और युवाओ को उससे दूर रहने की सलाह दी है, नशे का शिकार छोटे छोटे नाबालिक बच्चे तक हो रहे है।

डेज मानाने का उदेशय सार्थकता पूर्ण हो !

सुसाशन दिवस अच्छी सोच है लेकिन वह छुट्टियों के दिन ही क्यों,
बहोत सारे डेज की घोषणा आजकल हो रही है,
फादर्स डे,मदर्स डे,फ्रेंडशिप डे,एड्स डे,विज्ञानं डे आदि डेज मनाये जाते रहे है,
२५ दिसंबर - सुशासन डे, और ३ जनवरी बालिका डे।

Sunday, 28 December 2014

तेजाब की बिक्री पर रोक लगे !

तेजाब नाम सुनकर ही रोंगटे खड़े होजाते है,
तेजाब भी बदला लेने का एक हथियार बन चूका है,
किसी के चेहरे,अंग को ख़राब कर देना ताकि,

हर जवा दिल का अरमान … वह है " सलमान "


सलीम खान का चिराग दिनों - दिन उन्नति कर रहा है,
सर्वधर्म समभाव, उदार दिल, जरूरतमंद की मद्दत, " बीइंग ह्यूमन " जैसी संस्था चलाना,

एक अच्छा बेटा, भाई, दोस्तों का दोस्त,
व्यायाम और जीम के प्रति सभी युवको को प्रवर्त करने वाला,
अपने पुराने सम्बंधों  का भूल कर भी बुराई न करना,

लोगो के मज़ाक और तीखे बाडो का हस कर टाल देना,
नई पीढ़ी हो या पुरानी पीढ़ी, सभी की पसंद,
ईश्वर उनको सारी खुशियाँ दे,
जिसके वे अधिकारी है।




Saturday, 27 December 2014

कर्तव्यपथ पर जो मिला ये भी सही वो भी सही!!

एक ऐसा नेता जिसने भारत की गुलामी से आज़ादी तक का सफर तय किया है,
जनसंग के "दिए" से राजनीति की "लौ" जगाने और विपक्ष को भी संसद में उतना ही महत्व ,गठबंधन की सरकार के कर्त्तव्य ,मोदी को राजधर्म की सलाह दिए से कमल खिलने तक का सफर ,पोखरण में परमाणु परिक्षण,दिल्ली से लाहौर तक बस यात्रा।

सोच बदलेगी सब बदलेगा !!


टमाटर बाज़ार में २० रुपीज़ किलो के भाव से ,बढ़िया है,
बाज़ार में और मंडी में इससे भी काम भाव में तो किसानो से किस भाव में? 
व्यापारियों का लाभ ,ट्रांसपोर्ट  इत्यादि का भी खर्च,

किसी का भी अड़ियल रवैया ठीक नहीं !

जन्मदिन के बहाने ही बधाई और फूलों के गुलदस्ते का आदान-प्रदान तो हुआ ,
नवाज़शरीफ को वाजपेयी जी याद तो आये ,

आसम का नरसंहार निंदनीय है !!

                                       

आसाम में जो नरसंहार हुआ है उसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है,
उग्रवादियों द्वारा निर्दोष लोगों की जान लेना बहुत दुखदायक घटना है,
राज्यसरकार और केंद्रीय सरकार को मिलकर ठोस कदम उठाना चाहिए,

Friday, 26 December 2014

वाजपेयीजी और मालवीयाजी अपने अपने क्षेत्र के माहारथी है !!

                             

भारत माता के दो अनमोल रतन,
एक महामना मदन मोहन मालवीया तो दूसरा कवि अटल बिहारी वाजपेयी,
एक बड़े शिक्षाविद तो दूसरे एक कुशल राजनीतिज्ञ,
एक बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के संस्थापक तो दूसरे राजनीती के दलदल में भी कमल खिलने में कामियाब,

मोदी जी अपने नेताओ से संवाद करे !!

                                 

झारखण्ड और कश्मीर में भाजपा को सफलता के लिए बधाई । झारखण्ड में पूर्ण  बहुमत और कश्मीर में भी गणित बिठाकर सरकार बना ली जाएगी। जनता ने केवल मोदी के नाम पर वोट दिया है ,इससे उनकी जिम्मेदारिया बढ़ जाती है।

सेलिब्रिटी भी सामान्य इंसान ही है !



 संजय दत्त की छुट्टी हमेशा ख़बरों और विवादों में क्यों? वह व्यक्ति येरवडा जेल में अपनी गलती की सजा काट ही रहा है। एक कैदी के साथ जो  व्यवहार होता है वह उनके साथ हो रहा है पत्नी की बीमारी के कारण या अन्य किसी  कारन छुट्टी जो उनका मानवीय हक़ है उसपर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

क्रिसमस की सभी को शुभकामना।

क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार है जो शायद सभी धर्मो के लोग और सारा संसार मनाता है,
नए साल का स्वागत सभी लोग जशन मना कर और ख़ुशी से करते है,
ईसामसीह का क्षमा, सेवा, पडोसी से प्यार आदि मानवता का सन्देश है।

मंदिर, मस्जिद, गिरिजा - घर ने बाट लिया भगवान को,
धरती बाटी, सागर बाटा, मत बाटो इंसान को,
सभी को क्रिसमस की ढेर सारी शुभ कामनाये।

अपेक्षा है नया साल शान्ति, सौहाद्र और भाईचारा लेकर आएगा


Thursday, 25 December 2014

बाबूजी आप बहुत याद आते है।

२५ दिसंबर आज ही के दिन बाबूजी चले गए, शान्ति और अहिंसा के मसीहा के जन्म दिवस पर,
स्वयं के जीवन में भी ईमानदार और बुद्धिमान शक्शियत, हाँ लोग शायद उनको अच्छी तरह पहचान नहीं पाये।
अक्सर उनका कहना की "मैंने जिंदगी में धोखे खाए है, पर किसी को धोखा नहीं दिया",
"लोगो ने भले मेरे साथ बईमानी की, पर मै हमेशा ईमानदार रहा",

Wednesday, 24 December 2014

२५ दिसंबर को शुशाषन दिवस का स्वागत है।

अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस २५ दिसंबर को सुशाषन दिवस मनाने का स्वागत है।
अटल बिहारी जैसे सुलझे हुए नेता, राजनीतिज्ञ विरोधियो द्वारा भी सम्मान की नज़र से देखना,
मजबूत विपक्षी नेता और सत्ता आने पर योग्य प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में,

मलाला आपको बहुत बहुत शुभकामनाए।

मलाला शांति के नोबल प्राइज के लिए आपको बधाई। 
एक बच्चा, एक शिक्षक, एक पुस्तक और एक पेन, सचमुच संसार को बदल सकता है। 
लोगो की सोच को बदल सकता है, यह आपने सिद्ध कर दिखाया। 
यह हमारे सबसे शक्तिशाली हथियार है। और आपका प्रधानमंत्री बनने का सपना भी जरूर पूरा हो। 

धर्मपरिवर्तन का कारण क्या है ?

आजकल धर्मांतरण पर चर्चा जोरों पर है। कोई घर वापसी कर रहा है तो कोई धर्म परिवर्तन करा रहा है।
यह ज्यादातर आदिवासी, दलित, और गरीब लोगो के साथ ही होता है।
अगर हर धर्म परिपूर्ण है तो क्यों व्यक्ति को दूसरे धर्म का मुह ताकना पड़ता है ?
क्यों बाबासाहेब आंबेडकर को अपने अनुयाइयो के साथ बौध्या धर्म स्वीकार करना पड़ा ?

सती होना समाज के लिए चिंता का विषय है।

पति के साथ चिता पर सती हो गई। वर्तमान युग में भी ऐसी घटनाएँ घटना चिंता का विषय है। लार्ड बेंटिक का सती प्रथा बंद का क़ानून भारत के लिए बहुत बड़ी देन है। पहले सती की पूजा होती थी।  पति के मरने के बाद क्या औरत को जीने का हक़ नहीं है ?

Tuesday, 23 December 2014

अश्लील विज्ञापनों और फिल्मी पोस्टरों पर प्रतिबन्ध लगाया जाए।


सार्वजनिक जगहों की दीवारो पर जगह - जगह अश्लील फिल्मी नाम और पोस्टर देखने को मिलते है।

मोबाइल और इंटरनेट को छोड़ कुछ समय अपनों के लिए भी निकालिये।

आज भी टेक्नोलॉजी का युग है।  इंटरनेट मोबाइल, व्हाट्सअप, ट्विटर ने सारी दुनिया को एक दूसरे के करीब ला खड़ा किया है।  पर कही ऐसा तो नहीं दूसरे के करीब जाने की चाह में हम अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को भूलते जा रहे है। 

नकारात्मक विचारों वालों से दूर रहिए।

कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते है जो कभी खुश रहना जानते ही नहीं,
हमेशा रोना - कभी कार्य का तो कभी घर का, ढूंढ - ढूंढ कर अच्छी बातों में भी मीनमेख निकालेंगे।
ऐसे लोग बुराई कर, कटाक्ष कर स्वयं तो खुश होते है, लेकिन इससे दुसरो का दिमाग ख़राब कर देते है।

राजनीति में आने का अधिकार हर व्यक्ति को है।

वंशवाद का बार - बार राग नेताओं द्वारा जनता के सामने अलापा जाता है,
पर आज स्तिथि क्या है ? कौन सी पार्टी वंशवाद से अछूती है ?
पहले एक नेहरू - गाँधी परिवार पर वंशवाद का आरोप लगाया जाता था,
लेकिन आज ऐसा है है।

Sunday, 21 December 2014

धर्म और जाती से ऊपर उठ कर विकास की बात सोचे।


भारत को एक और कामयाबी, gslv मार्क 3, अब भारत अंतरिक्ष में वजनी सॅटॅलाइट भेजने में कामयाब दुनिया के चार बड़े देशो में शामिल होने पर बधाई, इस बधाई के पात्र हमारे isro के वैज्ञानिक जिनपर हमें गर्व होना चाहिए, न इनको देखा न इनके नाम सुने पर हमारे असली हीरो यही है।

Saturday, 20 December 2014

महाराष्ट्र सरकार का निर्णय उचित है।


मुंबई में काली - पीली टैक्सी वालो को बैच लगाना जरूरी,
इससे यह पता चलेगा की यह अधिकृत टैक्सी ड्राइवर है,
इसके अलावा प्राइवेट कंपनी के कैब वालो के लिए भी कड़े नियम बनाये गए है।

मानवता की जधन्य हत्या के अपराधी पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।


२६/११ के मास्टर मंद लखवी को जमानत मिलने पर आश्चर्य हो रहा है।  भारत ने सारे सबूत पेश किये, उसके बावजूद। बच्चो के मौत के तांडव के दूसरे दिन बाद ।  य़ह एक अच्छी बात हुई है की सरहद पार भी पाकिस्तान के नागरिको ने मुहीम चला राखी है।

Friday, 19 December 2014

ढोंगी महात्माओ से सावधान।

आसाराम बापू, रामपाल इन लोगो को भगवान किसने बनाया ?
साधू - संतो और महात्माओ को गुरु मानना ठीक है, पर ईश्वर ?
यही कारण है की उनका पतन होने लगा,

घर से ही शुरुआत होनी चाहिए।


निर्भया कांड को १६ दिसंबर को दो साल हो रहा है,
पर क्या इस घटना के बाद कुछ बदला है ?
क़ानून तो सख्त बनाये गए है, पर घटनाएँ तो कम होने की बजाए और बढ़ती हुई दिखाई दे रही है,
बहार क्या, अपने घर में ही सुरक्षित नहीं है औरत।

चिड़िया की ची - ची अब क्यों नहीं सुनाई देती ?


हरे भरे जंगलो को छोड़ कर कुछ चिड़िया आई,
सीमेंट के जंगल यानि शहर घूमने के लिए,
चारो तरफ घूमती - फिरती रही,
कही धुँआ, कही गाड़ियों की आवाज़,
न पानी, न खाना, थक हार गई,
एक जगह पानी दिखा भी तो वह काल - गंदा, पिने की हिम्मत न हुई,

Thursday, 18 December 2014

भगवन राम को बदनाम मत करो।

भगवान राम को चौदह वर्ष का वनवास माता कैकई ने दिया जो राजा दशरथ के कर्मो का फल था,
श्रवण कुमार के अंधे माता - पिता को मारने के कारण श्राप घाषित हुए थे और पुत्र वियोग में प्राण जाने का श्राप मिला था, माता और पिता की आज्ञा मानने का परिणाम यह की राम आज तक भटक ही रहे है,
उनको अपनी जमीन तो मिली नहीं हाँ मर्यादा पुरषोत्तम को विवाद पुरुष अवश्य बना दिया गया।

तालिबानी अंकल मुझे मत मारो - एक मासूम बच्चा

बच्चे का प्रथम दिन पाठशाला का, न जाने कितने दिनों से प्रतीक्षा थी,
स्कूल ड्रेस, बैग, नाश्ते का डिब्बा, वाटर बोतल सब तैयार थे,
बच्चा एकदम प्रफुल्लित, उत्साह से भरपूर,
मेरे लाडले को किसी की नज़र ना लगे इसलिए बलैया भी ली,

Wednesday, 17 December 2014

किसी की हत्या अपराध है और अपराधी गलत ही होता है।


नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त कहना उस व्यक्ति को जिसने अहिंसा की पुजारी गाँधी की हत्या की शोभा नहीं देता,
मोहनदास करमचंद गाँधी को महात्मा की उपाधि ऐसे ही नहीं मिली,
गोडसे राष्ट्रभक्त थे या नहीं लेकिन किसी हत्यारे को सही ठहराना कोई न्याय संगत नहीं है,
हत्या या दंगा पूरी मानवजाती के लिए कलंक है,

आतंकवाद का मिलकर खात्मा करना चाहिए


सिडनी के वाकये के एक दिन बाद ही पाकिस्तान के पेशावर में बच्चो के स्कूल पर आतंकवादियों का हमला,
यह क्या हो रहा है पाकिस्तान में ? बेनज़ीर भट्टो फिर मलाला और अब बच्चो पर कहर,
आतंकवादियों के लिए जमीन तैयार करने वाले पाकिस्तान को अब तो आतंकवादीओ को शह देना बंद करना चाहिए,

Monday, 15 December 2014

आत्महत्या में असफल होने वाले को सजा नहीं सहानभूति चाहिए।

आत्महत्या कौन करता है, दुखी, निराश, लाचार, असफल,
जिंदगी बहुत प्यारी होती है, अगर तूफ़ान - भूकम्प या कोई दुर्घटना हो जाये तो व्यक्ति स्वयं को बचाने का जी - जान से प्रयास करता है।
अपने को खुश रखने के लिए वह क्या क्या नहीं करता,
वही व्यक्ति क्यों एक झटके में मृत्यु को गले लगा लेता है,
इसका कारण ढूंढना और उसे जिंदगी के प्रति भरोसा दिलाना चाहिए,
न की अगर आत्महत्या में  असफल हो गया तो क़ानूनी पचड़े में पड़े और जेल जाना पड़े,
इसका यह मतलब नहीं के खुदकुशी या आत्महत्या का समर्थन करना चाहिए,
बल्कि उस व्यक्ति के प्रति सहानभूति और संवेदना होना चहिये,
उसे इतनी अनमोल जिंदगी के प्रति विश्वास और भरोसा दिलाना चाहिए,
इस लिहाज से मोदीजी ने आईपीएस की इस धारा को ख़त्म किया जिसमे आत्महत्या कानूनन अपराध है, उसका स्वागत है।



Sunday, 14 December 2014

खेल को खेल ही रहने दो, जंग नहीं।


हॉकी खिलाड़ियों का विजयजश्न मानना ठीक है,
लेकिन जिस तरह से पाक के खिलाड़ियों ने उसका अभद्र प्रदर्शन किया, चिढ़ाया वह बेहद शर्मनाक है,
खेल तो खेल है युद्ध नहीं,
उसको खेल की भावना से लेना छाईए,

हार जीत तो चलती रहती है,
खेलते समय खिलाड़ियों के देश पर नहीं, उनके बेहतर खेलने पर तालिआ बजती है,
चाहे वह सचिन की बले - बाजी हो या फिर सोहेब की गेंदबाजी।


योग करिए और फिट रहिए।


योग हमारी भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा,
प्राचीन काल से ही ग्रंथो, पुराणो, मुनियो - तपस्वियों के माध्यम से हम योग के महत्त्व के बारे में जानते रहे है,
आज के इस भाग - दौड़ की जिंदगी तथा मानसिक शान्ति के लिए योग अतयंत आवश्यक है,
यह हमारे शरीर ही नहीं हमारे मन को भी चुस्त - दुरुस्त रखता है।

Saturday, 13 December 2014

संस्कृत को लेकर इतनी हाइ - तौबा क्यों ?

संस्कृत और भगवत गीता की चर्चा इनदिनों जोरो पर है,
संस्कृत को अनिवार्य भाषा बनाए जाने की मांग है,
पर भारत में कितने लोग है जो संस्कृत जानते है और बोलते है ?,
पहले भी यह देव भाषा और ब्राम्हणो की भाषा मानी जाती थी।

सारी भारतीय भाषाओ की जननी ही संस्कृत है लेकिन उसका उपयोग नाम मात्र के लिए है,
केवल शादी  - ब्याह, पूजा - पाठ या फिर कुछ पाठशालाओं में ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में,
संस्कृत की तो छोड़िये, हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाए भी हमसे छुटटी जा रही है,
कारण की उसका उपयोग विज्ञान, आईटी, कंप्यूटर, नई टेक्नोलॉजी नाम मात्र ही है।

हम सत्य को क्यों नहीं स्वीकार करते ?
हमारा इतिहास स्वणिम है लेकिन वर्तमान को भी स्वणिम बनाने के लिए हमें सत्य को स्वीकारना होगा।
भाषा वही चलेगी जो सहज और व्यवारिक हो, रोजी - रोटी से जुडी हो।


ग्राहक के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।

उबर कंपनी की कैब में जो घटना हुई उसकी जितनी भी निंदा की जाए काम है।
इसमें सभी दोषी है, कंपनी से लेकर ड्राइवर तक।
सुरक्षा रक्षक, ड्राइवर, वेटर, ड्रिलिवेरी मैन, कारपेंटर, घरेलु नौकर - नौकरानी ज्यादा तर घटनाओंको अंजाम देने वाले यही व्यक्ति है जिनसे हम किसी न किसी तरह जुड़े हुए है,
इनको रोज़गार देनेवाली कंपनी और एजेंसी को पूरी जांच और ट्रेनिंग भी देनी चाहिए।

अगर इनका बिज़नेस होता है तो इनकी भी जिम्मेदारी बनती है की ग्राहक की सुरक्षा का पूरा - पूरा ख्याल रखे।
योग्य, ईमानदार और चरित्रवान व्यक्ति को काम दे।
ग्राहक के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।


Monday, 8 December 2014

कब तक युवाओ की जान जाती रहेगी ?

प्रेम प्रकरण के चलते जान से हाथ धोना पड़ा या फिर घर वालो ने युवक - युवती को खाने में ज़ेहर देकर मार डाला या माँ ने बेटी की हत्या कर दी या भाई ने बहन को मार दिया , आये दिन ऐसी घटनाये देखने और सुनने को मिलती है।  क्यों किसीकी जिंदगी को अपनी अमानत समझ लिया जाता है।

सभी को जीवन जीने का, अपनी पसंद - नापसंद जाहिर करने का, शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। फिर क्यों खाप पंचायते, समाज, परिवार, माता - पिता को ऐसा कदम उठाना पड़ता है। क्यों नहीं सत्य को स्वीकार करने की हिम्मत करते है। हर कोई बदनामी से डरता है। एक दूसरे पर उंगलिया उठाने की आदत से बाज आये और निडर होकर परिवर्तन को स्वीकार करे।


नेताजी जबान संभल के …

आजकल संसद और संसद के बहार भी चुनाओ के दौरान जिस अभद्र भाषा और व्यंग का प्रयोग किया जाता है वह शोभा नहीं देता। साध्वी मंत्री ने भले ही माफ़ी मांग ली हो लेकिन वह जनता का प्रतिनिधित्व करने वाली नेता है।  नेता बेलगाम भाषा का प्रयोग करते है जिससे सभी को शर्मिंदा होना पड़ता है। भारतीय संस्कृति मर्यादा में रहना सिखाती है।

नेता अपनी सफाई में एक दूसरे की पार्टी और व्यक्ति पर दोषारोपण करते है। सबसे पहले अपने गिरेबान में झाकना चाहिए।  " तेरी कमीज  से मेरी कमीज सफ़ेद " वाली धारणा को त्याग कर अपनी वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखना सीखना चाहिए।


Tuesday, 2 December 2014

सबका विकास यानि देश का विकास।

आज़ाद भारत के समक्ष उसकी आवशक्ताएं थी, प्रगति और विकास करना,
इसके लिए उद्पादन, नए - नए वैज्ञानिक साधन, परमाणु क्षमता, शश्त्र क्षमता बढ़ाना था,
लेकिन इसके साथ - साथ भोजन, वस्त्र, शिक्षा, स्वस्थ और आवास भी थे,
भौतिकता की और बढ़ने की प्रवृति भी इसी से आई,

इसका परिणाम यह हुआ की एक छोटा सा समुदाय सारी  सुख - सुविधाओ से सुसज्जित है जबकी बड़ा तबका वंचित रह गया,  आज जब प्रधानमंत्रीजी स्वच्छता और सौचालय की बात करते है तो जरा भी आश्चर्य नहीं होता क्यूंकि हमारे हाथ में मोबाइल और लेपटोप तो आ गए है लेकिन रोटी, घर, सौचालय और शिक्षा से वंचित है हम, यह सामाजिक असमानता, असंतोष और अपराध को ही जन्म देती है,
सभी सुखी और संपन्न रहेंगे तो ही देश का विकास होगा।




समय बड़ा बलवान।

समय की कदर करना जिसने सिख लिया उसने जीवन का सार पा लिया,
समय का साथ पा कर जर्रा भी सितारा बन जाता है,
काल का पहिया जब घूमता है तो उससे कोई बच नहीं सकता,
जनक की बेटी, अवध की रानी सीता को भी वन - वन भटकना पड़ा था।

यही समय है जो सुबह सूर्य को उदयांचल पर पहुचता है,
वही शाम को अस्ताचल का मार्ग दिखा देता है,
इसीलिए व्यक्ति को हमेशा सतर्क रहना चाहिए,
कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए।

समय कब जमीन से आसमान तक पहुचाएगा,
और कब आसमान से जमीन पर पटक देगा, कहा नहीं जा सकता।
इसीलिए समय की कदर करिये।