Monday 23 September 2024

Happy Daughter day

बेटी धन की पेटी
लक्ष्मी का स्वरूप 
घर की रौनक
बेटी सबकी हितचिन्तक 
परिवार की 
माता - पिता की
भाई - बहन की 
बस समझो उसकी अहमियत 
निस्वार्थ प्रेम से लबालब 
उसके जैसा कोई नहीं
प्यार दो सम्मान दो 
घर की सबसे महत्वपूर्ण सदस्य 
उसका अपमान मत करना
परिवार को संभालना और संवारना
उसे मिली है विरासत में
बस उसको मन से अपनाओ 
घर - परिवार लहलहाता रहेगा 


Wednesday 18 September 2024

मैं अकेला

मैं अकेला खड़ा सोचता रहा 
जीवन में क्या खोया क्या पाया
क्या मेरी खता हुई 
सब मुझसे दूर हो गए 
मैं ना चल सका उन रास्तों पर
जो उन तक जाती थी 
अपनी ही शर्तों पर जीना 
नहीं किसी को भाया
न मुझे किसी से कोई गिला न शिकवा- शिकायत 
आत्मसंतुष्टि है दिल में 
जो भी किया दिल से किया
न किसी को धोखा ना छल 
उसके सामने सब है 
जो भी सजा दे सब कुबूल है 

Tuesday 17 September 2024

वक्त

बुरा कैसे कह दे वक्त को 
यही तो सच से वाकिफ कराता है
असलियत को सामने लाता है 
असली - नकली का भेद समझाता है
अपने - पराये की पहचान कराता है
मुखौटा उतारकर असली चेहरा दिखाता है
सच - झूठ को सामने लाता है
वक्त से कौन बचा है भला
सबको आईना दिखाता है 

Sunday 15 September 2024

कहानी ???

जब तक जाना
तब तक सब जा चुका 
सोचते रहे 
समझते रहे
सोच सोच ही रह गई 
सब आगे निकल गया
उलझन सुलझाते रहे
सुलझते सुलझते 
अपने आप ही छिटक गई 
गुजर गया सब
याद रह गई 
पीड़ा चली गई 
टीस छोड़ गई 
यह आने - जाने की प्रकिया 
चल ही रही है
सांसों का सफर है 
तब तक ही 
उसके बाद किसने देखा है
प्रारब्ध का परिणाम 
कर्मों का लेख 
हर एक दर्ज जीवन की कहानी में
हर कहानी में एक और कहानी
एक दिखती है
एक ओझल है 
असली कौन सी 
यह तो इतिहास तय करेगा