Tuesday 24 February 2015

दुखी व्यक्ति को सहानुभूति की जरूरत होती है।


रास्ते पर जाते जाते दिखा, एक पत्थर पड़ा था।
जो जाता, उस पत्थर को ठोकर मारकर आगे बढ़ जाता।
किसी ने यह भी नहीं सोचा की उसको उठा कर किनारे रख दे।

Sunday 22 February 2015

वेल डन माही।


१४ फरवरी, जीत का जश्न है यारों,
मौज - मजा - मस्ती, आतिशबाजी, पटाखे,
सबके साथ आनंद मनाओ।

जीत हमेशा भारत की होती है।


हम भारत से हमेशा क्यों हार जाते है, पाकिस्तान सोचता होगा।
खेल को खेल की भावना से लेना, युद्ध की भावना से नहीं।
जहाँ युद्ध की भावना आई, क्रोध - उग्र रूप धारण कर लेता है।

Thursday 12 February 2015

एक था विशालकाय पेड़, दूसरी थी नाजूक लचीली लता।


नदी किनारे विशाल वृक्ष, तन कर खड़ा हुआ।
नदी में बाढ़ आ गयी, लहरो के थपेड़े को पेड़ सह न सका।

Monday 9 February 2015

सुरक्षा पर समझौता नहीं।


कभी एयरपोर्ट पर भैस घुस आती है, कभी कड़ी सुरक्षा का घेरा तोड़कर कुत्ता घुस आता है । यह एक प्रश्नचिन्ह है, सुरक्षा एजेन्सीयो पर। किसी भी चिज़ को हल्के से नही लेना चाहिए।

Saturday 7 February 2015

अपनी सोच का दायरा बढ़ाए


जनार्दन द्विवेदी, शशि थरूर, जीतनराम मांझी, कुछेक नेताओं ने मोदी की तारीफ़ क्या कर दी, उनको अब अपनी बात का ही खंडन करने के लिए इधर - उधर बहाने ढूंढने पड़ने लगे। अरविंद केजरीवाल को गणतंत्र दिवस पर न्योता नहीं देना, विपक्षी पार्टी के लोगों की हमेशा बुराई ही करो, यह किस सोच का परिणाम है।

Thursday 5 February 2015

दूसरो को दुख देने मे कैसा आनंद ?

लाउडस्पिकर, पठाके की आवाज़, शादियो और त्योहारो मे आम बात।
ध्वनिप्रदूषण और वायूप्रदूषण, साथ - साथ गाने लगा दिए गये है।
जोरदार आवाज़ मे बज रहे है।

Tuesday 3 February 2015

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ।


"बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ",इसके लिए मुहीम चलानी पड़ रही है।
इतनी नकारात्मक सोच हम भारतीयों की, बेटी भार और बोझ समझना।

Sunday 1 February 2015

चापलुस से दूर रहना।


कड़वी नीम कड़वा करेला,
लेकिन दोनो गुणों से भपुर,
नीम कितनी भी कड़वी क्यों न हो सीतल छाह भी देती है।