Thursday 26 March 2015

Good Morning....INDIA !!!


देर से उठना, देर से सोना,
युवा पीढ़ी में फैशन बन गया है।

Monday 23 March 2015

किताब और जिंदगी


पढ़ना - लिखना, खेलना - कूदना, मौज - मज़ा,
बचपन के वे दिन भी क्या दिन थे,

Tuesday 17 March 2015

जिंदगी खेल का मैदान


जीवन खेल का मैदान,
हर व्यक्ति खिलाड़ी यहाँ।
कमजोर पड़ा जो, वाही हारा यहाँ।

Monday 16 March 2015

परीक्षा से इतना डर क्यों ?


परीक्षाएँ शुरू, अभिभावक परेशान,
बच्चे बदहवास, रातों की नींद हराम,
क्यों परीक्षा को हौआ बना दिया है ?

परीक्षा और शिक्षा जिंदगी में आगे बढ़ने की सीढ़ी जरूर है,
पर जिंदगी तो नहीं।

फेल होने के डर से जान देनी पड़े,
उस परीक्षा का क्या फायदा।

जिंदगी तो हमेशा इम्तिहान लेती है, और सिखाती है।
पहली सीढ़ी पर चढ़ना है पर उसे अंतिम सीढ़ी नहीं बनाना है। 

Saturday 14 March 2015

" आप " क्यों हो गए मतलबी ?


क्यों आप में मचा है बवाल, केजरीवाल करा रहे है इलाज,
प्रशांतभूषण, योगेन्द्र यादव अपनी ही पार्टी से निष्काषित,
अंजली दमानियाँ का इस्तीफा,
ऐसा तो नहीं दिल्ली वालों को ठग लिया गया ?

Friday 13 March 2015

सोच और गंदी मानसिकता बदलो।


निर्भया पर बनी डाक्यूमेंट्री पर बैन,
क्यों ? इससे रेप के केस कम हो जायेंगे क्या ?
या लड़कियों के साथ होने वाला अन्याय रुक जाएगा,
घर या बाहर कही भी महफूज नहीं है औरतें।

Thursday 5 March 2015

काले रंग , तेरा जवाब नहीं।


काला रंग, रंगो में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है।
वकील का काला कोट, सेलिब्रिटी भी काले को ज्यादा पसंद करते है।
गंदा हो जाए या धब्बे पड़ जाए तो भी जल्दी पता नहीं चलता।

Wednesday 4 March 2015

हमारी सुख - सुविधाएँ इन मजदूरों की बदौलत है।


बड़ी - बड़ी आकाश चूमती इमारते, मोनो रेल बन रहे हैं,
मजदूरों के बिना रह कार्य संभव नहीं,
धूल, मिट्टी - रेती, सीमेंट में काम करते मजदुर,
सड़क पर झोपड़ी बना कर रहते हुए उनका परिवार,

विकास का कार्य जारी है, एक दिन ये सब बन जाएगा,
फिर मजदुर को अपना डेरा - डंडा उठाना पड़ेगा,
लेकिन आखिर जाएँ तो जाएँ कहाँ,
जिंदगी तो इसमें कट गई,
दूसरों के लिए आशियाना तो बना ही नहीं,
फुटपाथ पर रहेंगे, पुलिस, बी .एम .सी के कर्मचारी आकर डंडा मारकर भगा देंगे।

गगनचुंबी इमारतों में रहनेवाले कोसेंगे की फुटपाथ को गंदा कर रहे हैं।
क्यूंकि इसका उन्हें एहसास नहीं की जो,
शानदार जीवन वे जी रहे है वह इन्ही मजदूरों की बदौलत है।


Sunday 1 March 2015

मिले हुए मौके का पूरा उपयोग करे।


नन्ही चींटी सौ बार फिसलती है, पर हार नहीं मानती,
क्यों जरूरी है की हमेशा गिरना और गिर कर उठना,
क्यों नहीं एक ही बार में ऊपर चढ़ने का संकल्प लिया जाए,