Tuesday 22 July 2014

मानवता से बड़ा कुछ भी नहीं...

आज विश्व अशांति के कगार पर खड़ा है। अमेरिका - इराक या रूस - यूक्रेन की वर्तमान हालात।  भारत के पडोसी देशो की दखलंदाज़ी या आतंकवादी गतिविधिया , इन सब का एक ही परिणाम - मानवता की हानि।
जीवन में शान्ति का बड़ा महत्त्व है।  शान्ति के कारण ही प्रगति भी संभव है।  विश्व शान्ति रही तो राष्ट्रों के परस्पर व्यवहार में वृद्धि , आवागमन , सांस्कृतिक आदान - प्रदान , भेद-भाव कम होना , विश्व बंधुत्व की भावना का विकास होना , व्यापार इत्यादि पर भी प्रभाव पड़ता है।

ब्रिक्स सम्मेलन ऐशिया खंड के राष्ट्राध्यक्षो का एकत्रित होना एक शुभ संकेत है। अगर संबंध सुधरेंगे तो शांति होगी , विकास होगा।  विश्व - शांति होने पर ही मानवता के फूल खिलेंगे।

कवि पंत के शब्दों में :

" मानव ने पाई देश काल पर जय निश्चय , मानव के पास नहीं मानव का आज हृदय ,
चाहिए विश्व को आज भाव का नवोन्मेष , मानव उर में फिर मानवता का हो प्रवेश। "



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