Tuesday 26 August 2014

क्या यही है आजादी ???

महिलाएं , स्त्रियाँ सुरक्षित नहीं , पढ़ा-लिखा युवक बेकार 
इलाज के आभाव में दम तोड़ता गरीब , लूट-पाट , भ्रष्टाचार का बोलबाला 
स्वयं की भाषा  बोलने में शर्म का एहसास 
कही भी कूड़ा-कचरा फेकने की आजादी , सार्वजनिक स्थानोंपर हड़ताल आजादी 
बस , ट्रैन ,जीप फुक ने की आजादी, सरकारी कर्मचारी को घुस लेने की आजादी 
पुलिस को निरपराध लोगो को बंद करने और मार ने की आजादी 
नेताओ को अपनी अपनी तिजोरी भरने की आजादी 
किसानो को आत्महत्या करने की आजादी 
गर्भ में बेटियो को मारने की आजादी 
आजादी के इतने वर्षो बाद भी अगर यहि आजादी के मायने है तो फिर कैसी आजादी ??
अधिकार के साथ कर्त्तव्य का पालन करना भी सही मायने की आजादी होगी। 


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