Thursday 1 January 2015

Happy world smiling day क्या हँसना हमारी मजबूरी बन गयी है ?

हँसने के लिए भी प्रयास करना पड़े यह कितना हास्यास्पद है।
हँसने के लिए नए नए तरीके इज़ात किये जा रहे है।
लाफिंग क्लब, टी.वि पर अलग - अलग हँसाने वाले धारावाहिक,
कभी - कभी इसमें भोंडी कॉमेडी भी दर्शको के सामने परोसी जाती है, इसका कारण क्या है ?

हम क्या हँसना और खुश रहना भूल गए हैं
अपने परिवार और समाज से हट हम इनमे अपनी हँसी और ख़ुशी ढूंढ रहे हैं

डॉक्टर हँसने की सलाह दे रहे हैं
हँसने की मजबूरी हमारी सबसे बड़ी विडम्बना बन गयी है।
हँसना जरूरी है और यह दिल से निकलना चाहिए
जहॉ चार लोग बैठे और हँसी के ठहाके न गूंजे
यह संभव नहीं
हँसता हुआ चेहरा सबको खुश कर देता है
हँसी तो बदसूरत को भी खूबसूरत बना देती है
माहौल को हल्का कर देती है
बच्चे अपनी निश्चल हँसी से हर किसी को आकर्षित कर लेते हैं
हँसने से हम लोगों के करीब आ जाते हैं
यह तो वशीकरण मंत्र है अपने पास लोगों को खीचने का
हँसते रहिए और खुश रहिए

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