Wednesday 25 November 2015

कब तक नारी के प्रति भारतीय मानसिकता बदलेगी

दिल्ली विधानसभा में भाजपा के ओ पी शर्मा का अलका लांबा के प्रति बयान काफी शर्मनाक है
एक विधायक का इस तरह का बयान??
पर देखा जाय तो सभी जगह यही स्थिति है
कौन कितने बजे घर आती है
या फला की बेटी इतने रात को कहॉ जाती है
या किस प्रकार के कपडे पहनती है
या किस प्रकार के फैशन करती है इत्यादि
मॉ -बाप को जवाब देना मुश्किल हो जाता है
लगता है कि हम ही कोई गलती कर रहे हैं
अगर विकास करना है और सब क्षेत्रों में भागीदारी चाहिए तो उन्हें घर से बाहर निकलना ही पडेगा
पुरूष मित्रों के साथ रहना पडेगा
हर नौकरी दस से पॉच तक तो नहीं होगी
कोई लाईब्रेरी में पढाई कर रही होगी
या बिजनेस या राजनीति पर चर्चा कर रही होगी
कुछ काम तो रात- दिन के होते हैं
पायलट ,एयर होस्टेस ,नर्स या कॉल सेन्टर में काम करने वाली महिलाएँ
मीडिया और रिपोर्टिग करने वाली
अब कोई कहे कि ये रात रात भर घूमती है
राजनीति में या फिल्म में अच्छी महिलाएँ नहीं आती
केवल बैंक या टीचर का जॉब अच्छा है
जब दुनियॉ इतनी आगे जा रही है तब भी हम इसी मानसिकता में उलझे हैं
ऊपर से हमारे नेताओ के बयान कभी कुछ तो कभी कुछ
रंग -रूप से लेकर उनके कपडे और शारीरिक बनावट तक
अगर कहीं कुछ गलत हुआ तो उसके लिए महिला ही दोषी है
सोच बदलिए ,नजरिया बदलिए

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