Wednesday 11 November 2015

पर्व और परम्परा अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के माध्यम

भारतीय समाज त्योहार मनाने के पीछे कितना दूरदर्शी है
ये त्योहार न जाने कितनो को रोजगार देने का काम करते है
कुम्हार जो मिट्टी के दिए बनाता है ,कपास किसानों के लिए ,तेल ,तिलहन इत्यादि का उपयोग
नये वस्त्र ,बरतन ,कंदील ऐसे न जाने कितनी घरेलू उत्पादन
आज भी नयी कंपनियॉ भारतीय बाजारों में अपनी पैठ बना चुकी है और कुछ पैठ बनाने की कोशिश में है
करोडो का टर्नओवर होता है इन त्योहारों में
सोनार,लोहार ,सुतार ,बुनकर जैसे सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध होता है
सौंदर्य की सामग्री से लेकर मिट्टी और फूल ,पत्ते तक
सभी को खुश रहने का अधिकार और रोजी - रोटी का अधिकार था
आपसी भाईचारे की भावना ,प्रेम की भावना
लोगों के आपसी रिश्ते
देखा जाय तो इन त्योहारों की रचना मानव समाज की सर्वागीण विकास के लिए ही किया गया था

No comments:

Post a Comment