Saturday 12 December 2015

क्या हमारे देश में दो कानून है? नेता और अभिनेता तथा सामान्य जनता के लिए

बचपन में सुना था कि कानून की देवी के ऑखो पर पट्टी बंधी रहती है क्योंकि पक्षपात न हो
सब एक समान है कानून की नजर में
अमीर हो या गरीब ,छोटा हो या बडा
बात सलमान खान की है वह बरी हो गए
अच्छी बात है  ,उनके घरवाले और परिवार वाले भी प्रसन्न है
उनके प्रशंसकों के लिए भी जश्न का समय है
लगभग तेरह सालों के बाद राहत मिली है सलमान को
पर साथ में सच्चाई यह भी है कि उस रात एक्सीडेंट हुआ था
फुटपाथ पर सोनेवाले घायल हुए थे और एक शख्श की मृत्यु भी हुई थी
कोई तो गुनाहगार होगा ,वह कौन है?
यह सही है कोर्ट सबूत मॉगता है  सबूतों के अभाव में वह कुछ नहीं कर सकता
लोग सलमान को बहुत चाहते हैं और चाहते भी थे कि वे बरी हो जाय
पर सच क्या है वह तो सलमान ही जानते होगे
फुटपाथ सोने के लिए निश्चित नहीं है पर क्यों लोग फुटपाथ पर सोते है इसक़ा जवाब कौन देगा
सलमान की रिहाई पर मरनेवाले के बेटे ने प्रतिक्रिया दी कि हम तो गरीब लोग है ,हम क्या कर सकते हैं
सरकार हमारी तरफ से लड रही थी वह नहीं चाहती सजा देना तो हम क्या कर सकते हैं
यह एक मजबूर व्यक्ति ही बोल सकता है
सलमान बहुत अच्छे इंसान है
बिंग ह्युमन संस्था चलाते हैं
बहुत मदद करते हैं लोगों की
पर फिर भी यह प्रश्नचिन्ह तो है
और उसी दिन कॉग्रेस और विपक्ष के नेता खडगे जी ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि इस देश में दो कानून है सत्ता पक्ष के लिए अलग और विपक्ष के लिए अलग
जान बूझ कर विपक्ष के लोगों पर कार्रवाई की जा रही है  नेशनल हेराल्ड मामले के कारण विपक्ष संसद चलने नहीं दे रहा है
यह सत्ता पक्ष का भी आरोप है
अगर यह सब सही है तो लोकतंत्र के लिए योग्य नहीं है
न्याय और कानून सबके लिए समान होना चाहिए
चाहे वह कोई नेता हो या अभिनेता

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