Friday 4 March 2016

बिन पानी सब सून -पानी रहेगा तो भैंस भी रहेगी

आजकल टेलीविजन पर पानी से संबंधित विज्ञापन जिसमें पानी को बचाने की कोशिश की है
पुराने मुहावरे जैसे -गई भैंस पानी में
पानी की तरह पैसा बहाना
पसीना याऑसू पानी की तरह बहाना
हर जगह पानी को बहाने की बात कहना
इन जुमलों को बदलना पडेगा
नई सोच लानी पडेगी ,यह विज्ञापन के द्वारा सरकार जनता तक पहुँचाना चाहती है
बिल्कुल सही है ,सोच को बदलना ही पडेगा
अब भैंस को पानी में नहीं बल्कि बाहर धोना पडेगा
पानी का काम स्वच्छता रखना भी है चाहे वह कपडा हो ,बरतन हो ,मनुष्य हो या अन्य जीव -जंतु हो
पीने के लिए पानी तो चाहिए ही साथ ही साथ पेड -पौधो ,फसल ,अनाज ,भोजन के लिए भी जरूरी है
अगर पानी बहता रहा तो पैसा या पसीना कुछ नहीं बहेगा ,तब केवल ऑसू ही बहेंगे
गंदगी को दूर करने का माध्यम पानी जो खुद गंदा हो जाएगा तो गंदगी कैसै दूर होगी
पानी के लिए भी मीटर लगाया जाय
बिजली की तरह ,ताकि लोग बहाने के पहले सोचे
पैसे की मार पडेगी तो कुछ तो लोग पानी बहाने से बचे
सही है जल है तो कल है
जल ही जीवन है, बिन पानी सब सून

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