Saturday 30 April 2016

कहॉ राजा भोज और कहॉ गंगू तेली

नरेन्द्र मोदी और कन्हैया कुमार इनकी तुलना
यह बात गले उतरती नहीं है
कल का यह लडका हमारे इतने अनुभवी प्रधानमंत्री के बारे में जो चाहे वह बोल रहा है
युवा वर्ग उसका मजा ले रहा है
कन्हैया के हर वाक्य पर ताली बज रही है
एक चाय बेचने से लेकर सामान्य कार्यकर्ता के कुर्सियॉ उठाने तक का काम
गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना एक लम्बे मेहनत और प्रयत्न का प्रतिफल है
कन्हैया कुमार तीस साल तक यूनवर्सिटी में पडे हैं
और छात्र राजनीति कर रहे हैं
आजकल हवाई जहाज की सैर ,कार भ्रमण और देशाटन हो रहा है
यह कौन पैसा दे रहा है?
क्या स्कालर शिप से खर्च हो रहा है
देशप्रेमी और देशद्रोही से ऊपर उठकर कुछ काम करें
भाषण देने से कोई देशप्रेमी नहीं हो जाता
हवाई जहाज की सैर करने वाला यह कन्हैया लोगों को केवल हवाई स्वप्न दिखा रहा है
ऐसे लोगों की बात में अगर आए तो सर पिटने के अलावा कुछ नहीं बचेगा
ऐसे ही देश सूखे की समस्या से ग्रस्त है
पानी काअभाव ,बेराजगारी ,भूखमरी ,लोगों का शहरों की ओर पलायन की समस्या को नजरअंदाज कर
कन्हैया कुमार पर दृष्टि केन्द्रित करना
यह देश को रसातल में ही ले जाएगा
कन्हैया कुमार जयप्रकाश नारायण नहीं है
और न भगत सिंह ही है
वे पहले अपने पैरों पर तो खडा होना सीखे
देश की बात बाद में करें

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