Monday 22 August 2016

क्या कसूर है सीरिया के इस मासूम का

सीरिया में गृहयुद्ध छिडा है
बम - बारूद की बौछार हो रही है
कत्लेआम हो रहा है
लाशे बिछाई जा रही है
मानवता बेबस तमाशा देख रही है
बच्चे बम के साये में पल रहे हैं
कुछ देश छोडकर जा रहे हैं
कोई शरण देने को तैयार नहीं
किस धर्म का यह सिद्धांत है
जान लेना और मार- काट मचाना
बच्चों का मासूम बचपन छीना जा रहा है
मॉ- बाप बेबस है अपने नौनिहालों को मरते देख
कोई कुछ नहीं कर पा रहा
मॉ- बाप ही क्यों?
पूरा विश्व तमाशबीन बना हुआ है
किसी के हाथ मदद के लिए नहीं बढ रहे
कोई आगे नहीं आ रहा
पीडा तो सबको हो रही है
सोशल मीडिया पर बच्चे की लाश देख किसकी ऑखें नम न हुई होगी
अब यह दूसरा बच्चा जो धूल- धुसरित और घायल है
उसके घर पर बमबारी हुई है
बच्चा जैसे बेजान हो गया है
ऑखों में ऑसू नहीं
अपने ही हाथों बहता खून पोछ रहा है
ऐसा दर्दनाक दृश्य
जिसे देख किसी भी दरिन्दे का दिल भी पसीज जाय
पर बम बरसाने वालों का दिल नहीं पसीज रहा
क्या मिलनेवाला है
इस रक्तपात से
इतना विकास विश्व कर रहा है
विज्ञान का उपयोग विनाश के लिए किया जा रहा है
बम और बारूद के साये में पूरा विश्व जी रहा है
हर कोई बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है
कितनी लडाईयॉ लडी जाएगी
घर्म और सत्ता के नाम पर
अब तो बंद हो यह सब

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