Saturday 20 August 2016

आओ स्कूल चले - थोडा मौज- मस्ती करे ,बचपन की याद ताजा करे

आओ स्कूल चले 

बचपन की याद ताजा करे 

सपनों की दूनियॉ की सैर करे

फिर से पीठ पर बस्ता लाद चले
नींद आने पर भी जबरदस्ती उठना
जल्दी - जल्दी तैयार होना
भागते - भागते बस पकडना
बस छूट जाने का बहाना बना घर वापस आ जाना
मॉ की डॉट खाना
औऱ अगले दिन जल्दी तैयार होना
टिचर की डॉट खाना
गृहकार्य नहीं करना
बीमारी का बहाना बनाना
खुद मॉ की झूठा हस्ताक्षर कर दिखाना
पकडे जाने पर दोनों ओर से पीटा जाना
पहाडे याद करते- करते नाक में दम हो जाना
किसी की पेन्सिल तो किसी का पेन चुराना
सबका खाना छिनकर खाना
अपना खाना डस्टबीन में डालना
बात करने पर पनिशमेन्ट मिलना
खूब हँसना  और खिलखिलाना
च्यूंगम को फुलाना और टिचर आते ही छुपा देना
परीक्षा में नकल करना
शोरगुल करने पर बेंच पर खडे होना
कविता नहीं याद होने पर मुर्गा बनना
दोस्तों से झगडना दूसरे पल एक हो जाना
जानबूझ कर पीछे की बेंच पर बैठना
गणित के टिचर से बच कर रहना
छूटने पर धमाल मचाते हुए सीढियों से उतरना
बस आने पर बस न पकडना
झुंड बना कर खडे रहना
भेल और समोसे चटखारे ले  - लेकर खाना
खो- खो और कबड्डी खेलना
राष्ट्र गान और प्राथना के समय कनखियों से देखना
टिचर से नजर चुराकर इशारे करना
गाइड और पी टी के पीरियड का इंतजार करना
सिलाई और चित्रकला कभी भी करना
बारीश में गढ्डों में पैर डालते चलना
पढना छोड सब अच्छा लगना
कम अंक आने पर डाट खाना
सब कुछ बंद करने की धमकी पाना
थोडे दिन याद रखना
फिर भूल वही मस्ती करना
अब तो बस यह बन गई है यादे
चलो फिर से स्कूल चले
थोडा मौज- मस्ती करे  

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