Friday 19 August 2016

ताजी - ताजी सुर्खियॉ

हर चीज हो ताजा
खबर हो या खाना
ताजे का मजा ही कुछ और
बासी तो बासी , ले आए उबासी
ठंडी चाय और बासी अखबार
कर देते दिन को खराब
नींद ,आलस लाता ,दिन को बेकार बनाता
ताजा और गर्म ,स्वाद को बना देते लाजवाब
ताजी खबरे ही ध्यान में रहती
बाकी तो अतीत का हिस्सा बन जाती
जब तक ताजी तब तक रोचक
फिर भूला दी जाती है
क्या हुआ ,कहॉ हुआ ,कैसे हुआ
सोचने और याद करने की फुर्सत किसे हैं
सोचने से पहले ही दूसरी खबर आ जाती
वहॉ से ध्यान हटा ,यहॉ पर लगा
जबसे यह चक्र चला ,सबको उलझाते चला
हर नया दिन ,नयी घटना
किसका विचार करें ,किसको छोडे
समय कहॉ है किसके पास???
उस पर भी ब्रेकिग न्यूज.
ताजी - ताजी सुर्खियों के साथ
बस सुनो और आगे बढो

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