Friday 30 December 2016

छोटा पैक बडे काम का

आजकल विज्ञापन का जमाना है
हर चीज उपलब्ध है
सुंदर और व्यवस्थित
चाहे वह पॉच रूपये का हो या दो रूपये का
नेसकॉफी पीनी हो तो वह दो रूपये में उपलब्ध
शेम्पू ,टमाटो केचअप से लेकर वेफर और चिवडा तक
पहले जो सामान्य जनमानस उपयोग नहीं कर पाता था
आज बेहिचक कर रहा है
केवल स्वाद लेना है पूरा पेट नहीं भरना है
तो आप कोई भी चीज का बेहिचक उपयोग कर सकते हैं
चने वाला और बनिया जो पहले कागज के पूडे में देता था और मुँह भी बनाता था
वही आज आर्कषक रूप में रंगबिरंगे पैकेट में मिल रहा है
कम पैसे में भी सम्मान के साथ
अच्छा लगता है यह बदलाव
बरबादी भी नहीं
रखने की झंझट नहीं
ज्यादा पैसे की जरूरत भी नहीं
और बिजनेस वालों का भी लाभ
उनका माल हर व्यक्ति तक पहुँच रहा है
बिक्री भी हो रही है
बच्चों की तो वाह- वाह ही हो गई है
बडा न सही छोटा तो जेबखर्च से ले ही सकते हैं
तरक्की का यह काम तो काबिलेतारीफ है
हर चीज हर व्यक्ति तक पहुँचनी ही चाहिए
तभी तो उत्पादन का महत्तव है
ग्राहक भगवान होता है
और वह प्रसन्न होगा तो ही व्यापार होगा
और यह बात आज दिखाई दे रही है

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