Monday 17 July 2017

वर्षा रानी आई है , साथ में खुशियॉ लाई है

उमड - घुमड कर बादल गरजे
काली - काली घनघोर घटा छाई
आसमां भी हुआ केसरिया
इंद्रधनुष की छटा बिखरी
तब ही समझो
वर्षा रानी आई है साथ में खुशियॉ लाई है
पपीहे की प्यास बुझाने
पेडों को नहलाने
फसलों को लहलहाने
किसानों का गम दूर करने
बच्चों के साथ मस्तियॉ करने
लताओं के साथ झूमने.
मेढक की टर्र - टर्र सुनवाने
मोर के साथ नृत्य करने
धरती मॉ को तृप्त करने
कुएं , तालाब , नदी को भरने
वर्षा रानी आई है साथ में खुशियॉ लाई है
मौसम भी हुआ खुशगंवार
मनमयूर भी नाच रहा
भीगा तन भीगा मन
अंगडाइयॉ ले रहा यौवन
सुहावना हुआ रात - दिन
वर्षा रानी आई है साथ में खुशियॉ लाई है
स्वागत में सब ऑखें बिछाए
ताक रहे हैं तुम्हें आस से
खुशियों की फुहार सब पर उडाती
वर्षा रानी आई है साथ में खुशियॉ लाई है.

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