Wednesday 2 August 2017

हर किताब कुछ कहती है.

हर किताब कुछ कहती है
इसकी हर एक कहानी जीवन के गीत सुनाती है
यह कहानी किसी एक की नहीं
हर व्यक्ति की जिंदगानी है
जीवन का मोल ,अर्थ और जीना भी समझाती है
दुख में धीरज ,विपत्ति से मुकाबला , दूसरों के जीवन से प्रेरणा लेना भी सिखाती है
समाज में बराबरी का दर्जा कायम करना सिखाती है
अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक कराती है
ऊँच - नीच ,अमीर - गरीब का भेदभाव हरकर सबकी हमसफर बन जाती है
गुलामी और स्वतंत्रता का अंतर बताती है
जिसे यह प्रिय लगे ,उसी की हो जाती है
इतिहास का पन्ना पलटना हो या चॉद पर उडान भरना
भूगोल हो या गणित
सभी को अपने में समाती है
किताबों से जिसने दोस्ती कर ली
उसने तो असली जिंदगी जी ली
स्वयं से ही नहीं सारे संसार से नाता जोड लिया

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