Sunday 19 November 2017

हर शख्स चाहता है एक अदद सरकारी नौकरी

क्या है यार , हम तो लेटलतीफ है
अरे कोई हमारा क्या बिगाड लेगा???
बॉस कभीकभार चिल्ला देगा
सरकारी नौकरी है यार
जिंदगी बन गई
हर महीने एक मोटी तनख्वाह तो आनी है
आराम से आएगे
थोडा अंगडाई लेगे
इधर- उधर नजर फेरेगे
पान तो चबा ही रहे हैं
उसके बाद चाय पीएगे
थोडी गपशप करेगे
चपरासी हो या फिर बाबू
सबके नखरे हजार
आज तो हर हाथ में मोबाईल
पब्लिक खडी है इंतजार में
कब काम होगा  ़़़
जब तक जेब गर्म न हो तब तक पूरा काम कैसे भाई??
एक काम के लिए न जाने कितनी बार चक्कर
बतियाना पूरा हुआ तो ऑख उठा कर देखेगे
ऑखों में इशारे  करेगे
कुछ थोडा - बहुत फाइल देखेगे
तब तक लंच टाईम हो गया
डब्बा उठाए और चले बतियाते
आधा घंटा लेट आए
बैठे , थोडा बहुत काम किया
तब तक समय हो गया
अब तो आधा घंटा बाकी बचा है
देश की समस्याओ पर चर्चा होगी
पर आम आदमी की समस्या को नजरअंदाज करेगे
दफ्तरों के चक्कर लगवाएगे
अपनी दूकान को चलाएगे
घूस और रिश्वत लेते रहेगे
सरकारे बदलती रहेगी
व्यक्ति तो वही रहेगे
लेट आएगे , रिश्वत भी लेगे
ज्यादा हुआ तो सरकार बदल देंगे
रिटायरमेंट के बाद एक मोटी रकम मिलेगी
ताउम्र पेंशन भी जारी रहेगी
इसलिए तो हर कोई चाहता है
एक अदद सरकारी नौकरी .

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