Saturday 3 February 2018

जीओ बेटियॉ ,बधाई हो इंडिया

हाल ही के सर्वे से पता चला है कि लोग बेटी की चाहत करने लगे है
बेटियों का आगमन अब दुर्भाग्य नहीं सौभाग्य बन रहा
इससे अच्छी खबर क्या होगी??
वैसे भी हमारे यहॉ बेटी को लक्षमी और दूर्गा माना गया
लेकिन कुछ प्रथाओं जैसे दहेज इत्यादि के कारण बेटी को बोझ समझा जाने लगा
आज भी बहुत सी बुराईयॉ विधमान है जिसका खामियाना बेटी को भुगतना पडता है
उसके परिजन लाचार हो जाते हैं लेकिन अब सबको अपना नजरियॉ बदलना पडेगा
तमाम परेशानियों के बावजूद बेटियॉ हर क्षेत्र में अपना परचम फहरा रही है
धारणाएं बदल रही है़
घर से बाहर कदम निकाल रही है
जो अपराध उसने किया ही नहीं उसकी सजा वह क्यों भुगते ??
अन्याय के विरोध में आवाज उठा रही है
अब माता- पिता को भी अपना भविष्य इनमें दिखाई दे रहा है
उनको वे अवसर प्रदान कर रहे हैं
सरकार भी प्रयत्नशील है
उनके लिए योजनाएं बनाई जा रही है
सामाजिक संस्थाएं भी मदद कर रही है
ऐसा ही चलता रहा तो भारत के विकास को कोई नहीं रोक सकता
आधी आबादी को शिक्षा , सुरक्षा और विकास की जिम्मेदारी सबकी है.
उसे भोग्या या वस्तु नहीं व्यक्ति समझना होगा
उसे बोझ नहीं भाग्य समझना होगा
भाग्यवान के घर ही बेटी का जन्म होता है
सृष्टि की संचालक है वह
समाज के निर्माण में उसकी महत्तवपूर्ण भूमिका है
हर अवसर दिया जाना चाहिए
देश के हर कोने और गॉव - देहात तक जागरूकता फैलानी होगी
वह ही नहीं होगी तो संसार कहॉ रहेगा??
बेटी की इज्जत करें
उसे दोयम दर्जा नहीं बराबर का अधिकार दे
तब देखिए वह किस तरह समाज की दशा और दिशा बदलती है.

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