Saturday 26 May 2018

जो जीता वही सिकंदर

जिंदगी एक दौड़ है
इस दौड के घोड़े हम है
कितना जतन कर ले
मेहनत कर ले
पढ़ -लिख ले
ईमानदार और काबिल बन जाय
धोखे और फरेब से बचे
व्यसन से कोसों दूर रहे
नियम का पालन करें
कर्तव्य निष्ठ और निष्ठावान रहे
स्वास्थ्य का ध्यान रखें
धर्म का पालन करें
बड़ो का सम्मान करें
छोटे को प्यार दें
अच्छा इंसान बने
बुराई को पास फटकने न दे
नेकी करते रहे
फिर भी इस दौड मे हम जीतेगे
कहा नहीं जा सकता
जिंदगी कब करवट लेंगी
टांग अड़ा कर गिरा देंगी
यह तो भाग्य के हाथ की कठपुतली है
किसी को सब कर कुछ नहीं मिलता
किसी को थोडे मे ही ऊंचा पर पहुंचा देती
किसी की झोली मे खुशियाँ
तो किसी की खाली
ताउम्र दौडने के बाद कब पीछे कर दें
यहाँ तो
जो जीता वही सिकंदर।

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