Monday 25 June 2018

पंखा और विचार

बिस्तर पर लेटे नजर ऊपर गई
पंखा चल रहा था अनवरत
यह तब तक चलता रहेगा
जब तक स्वीच बटन बंद न कर दिया जाय
मन मे विचार चल रहा है
और चलता रहता है
यह कभी विश्राम नहीं लेता
रात-दिन ,सालोसाल
रात मे भी पीछा नहीं छोड़ता
नींद मे ,सपने मे
अतीत ,वर्तमान ,भविष्य का लेखाजोखा
चैन ही नहीं
करें तो क्या करें
बैचेनी बढ़ जाती है
सब भूलना चाहते हैं
पर यह तो श्वास जब तक चलेगी
तब तक
यह रूक गई तो
जिंदगी रुक जाएगी

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