Monday 25 February 2019

जीवन हमारा है

मुझे पूरा आसमान चाहिए
मुझे पूरी जमीन चाहिए
अपूर्णता मुझे स्वीकार नहीं
समझौता करना गंवारा नहीं
जीवन जब अपने आप मे संपूर्ण है
तब जीना भी संपूर्णता के साथ
जितना भी है जीना है
मनमुताबिक रहना है
नहीं कोई रोक टोक
नहीं कोई बंधन
न कोई रोक टोक
न किसी पर निर्भर
जीवन हमारा है
निर्णय भी हमारा
किसी का निर्देश स्वीकार नहीं
किसी की दखलंदाजी को स्थान नहीं
न किसी के आगे झुकना
न किसी कारण रूकना
हर पल को जी भर कर जीना है
न हारना न जीतना
न गमी न खुशी
न परवाह न चिंता
बस निश्चिंत रहना है
सब उस पर छोड़ना है
इंसान से क्यों डरे
जब ऊपरवाला हमारा है

No comments:

Post a Comment