Saturday 30 May 2020

रफ बुक यानि घर का मुखिया

रफ नोटबुक यानि घर का मुखिया
मुख्य है पर उसकी कोई गिनती नहीं
न तीन में न तेरह में
जिसका मन हो वह सुना जाए
सब अपनी मर्जी करें
वह सबकी मर्जी से चले
रफ नोटबुक जो होती है
न उस पर अच्छा कवर
न उसकी बाइन्डिग
न मंहगी
पुराने पन्नों को फिर से जोड़ लिया
या पिछले साल की बची हुई
या एक दो पन्ने लिखी हुई
बना लो कैसे भी
उसे कौन देखने और चेक करने वाला है
उसकी कोई अहमियत नहीं
पर बैग भरते समय उसे जरूर रखना है
भूल गए तो मुश्किल
और दूसरे भूल जाएंगे तो वह काम आएगी
गणित करो
भाषा करो
होमवर्क लिखो
चित्र बनाओ
अनाप शनाप लिखो
टाइम पास करो
एक्स्ट्रा जो करना है वह करों
पर रफ बुक के बिना काम नहीं चलने वाला
घर के मुखिया को कैसे भी घर चलाना है
सबके खाने पीने और रहने का प्रबंध करना है
अपनी इच्छाओ का त्याग करना है
सब पूरा करते करते वह भले थक जाय
उसकी परवाह किसी को नहीं
कुछ दोषारोपण करना हो कर दो
शिकायत करो
सब उसे कोसे
पर उसके बिना काम किसी का न चले
सबकी अपनी-अपनी मजबूरी
उसकी मजबूरी है अलग
सबको जोड़कर रखना
किसी को बिखरने मत देना
कहने को है मुखिया
पर सबसे उपेक्षित
न बोल सकता है
न डाट सकता है
न फरियाद कर सकता है
वह रफ बुक है
जिसके बिना स्कूल बैग अधूरा
मुखिया बिना घर अधूरा
सारे अधिकारो का हनन
तब भी कहलाता है मुखिया

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