Thursday 28 May 2020

भारतीय रेल भी रास्ता भटक रही है

जाना था रंगून पहुँच गए चीन
यह गाना काफी बार सुना था
पर आज वह सच हो रहा है
सत्तर साल में यह तो नहीं हुआ
रेल अपना रास्ता भटक गई
वह भी एक नहीं
कई कई ट्रेने
जाना था गोरखपुर पहुँच गई उड़ीसा
ऐसा गफलत भारतीय रेल में
नेता तो रास्ता भटक ही गए हैं
आपस में बडबोल
एक दूसरे पर दोषारोपण
देश का मुखिया मौन
धर्म की और नफरत की राजनीति
यह चुनाव का समय नहीं है
आपदा का है
सत्ता की जोड़ तोड़ बाद में कर लेना
इस समय सही राह पर आओ
न खुद भटको
न रेल को भटकने दो

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