Tuesday 26 May 2020

आज मेरा भारत तो कहीं नहीं दिखता

हम सब एक हैं
यह हम हमेशा से कहते आए हैं
मानते भी आए हैं
लेकिन आज लगता है
यह संपूर्ण सच नहीं है
आज जब आपदा से सारा विश्व जूझ रहा है
तब हमारे यहाँ तो प्रांतवाद चल रहा है
जम कर राजनीति हो रही है
सत्ता की उठा पटक हो रही है
एक दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है
देशवासियों की समस्या तो दरकिनार
सब अपना अपना जुगाड़ लगा रहे
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे
अपनी असफलता का ठीकरा दूसरे पर
अवसरवादिता का बोलबाला
किसका शासन
किसकी सरकार
कौन जिम्मेदार
यह तो सामान्य जनता की समझ से बाहर
न उनके पास रोजी है
न रोटी है
असहाय और बेबसी का आलम है
सब कोई पीस रहा है
अनेकता में एकता कहीं नहीं
एकता का बंटवारा हो रहा है
सब कुछ बंटाधार हो रहा है
कभी दोष इस पर
कभी दोष उस पर
मीडिया भी क्या कर रहा है
किसकी पैरवी कर रहा है
यह तो वही जाने
नेता तो भूले ही हैं
मीडिया भी भूली है
सरकार तो चुप है
कब जुबान खुलेंगी
कहा नहीं जा सकता
कोई लडाने का मौका तलाश कर रही होगी
आज एकता तो दूर खडी सिसक रही है
प्रांतीयता सर उठा रही है
कौन मेरा नेता
कौन तुम्हारा
सब खेमों में बंटे हुए
विपदा की घड़ी है
एकता गायब है
हमारे देश में संशाधन नहीं
विदेश में डंका
प्रांतो के बीच सीमा रेखा
इसमें मेरा भारत तो कहीं नहीं दिखता

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