Monday 19 October 2020

बेटी और बेटा

घी का लड्डू गोल न हो टेढा ही सही
बेटा कैसा भी हो
काला नाटा मोटा
तब भी बेटा ही है
अनमोल है
तब बेटी क्यों नहीं ??
इन सबसे ज्यादा गुण मायने रखता है
रंग और बनावट नहीं
खूबसूरती को देखने का नजरिया होना चाहिए
बेटे के लिए तो कहा जाता है
राम और कृष्ण भी सांवले थे
बेटी से फिर वह अपेक्षा क्यों ??
वह नकुसा क्यों
अनवान्टेड क्यों
संतान तो संतान होती है
जैसी भी हो प्यारी होती है
उसको दोयम दर्जा क्यों ??
उसे एहसास होना चाहिए
वह अपने परिवार के लिए अनमोल है
उसका अस्तित्व महत्त्वपूर्ण है
लोगों की सोच कुछ भी हो
माता-पिता की सोच ऐसी न हो
उसे हेय न समझा जाए
अपने जिगर के टुकड़े को हीरा समझे
कोयला नहीं
उसको चमकने का मौका दें
सांवले और कालापन के सोच की आग में जलने न दे
आत्मविश्वास से भरपूर ऐसा सशक्त व्यक्ति बनाएं
कि सारी खूबसूरती उसके सामने पानी भरे
दूर से देख ईर्ष्या करें
उसके जैसे बनने की कोशिश करें

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