Monday 23 November 2020

जिसकी सत्ता उसका बोलबाला

मैं पत्रकार
पत्रकारिता मेरा धर्म
आजादी मेरी पहली मांग
अभिव्यक्ति की आजादी
जो हो रहा है
वह बताने की आजादी
समाज के दर्पण में झांकने की आजादी
सत्ता के गलियारों का खेल जानने की आजादी
देश - दुनिया की खबरों को पेश करने की आजादी
हर जगह झांकने की आजादी
स्वतंत्र विचार रखने की आजादी
विचरण करने की आजादी
मुझ पर बंदिश न लगे
मेरे पेशे की पहली मांग
निष्पक्षता और निष्ठा
बंधन से मुक्त
पत्रकार हूँ
व्यापारी नहीं
मुझे खरीदा नहीं जा सकता

हाँ समय बदल रहा है
नजरिया बदल रहा है
यहाँ नाप तौल कर काम हो रहा है
खबर दिखाने  में भी डर
ऊपरवालो का प्रेशर
नौकरी भी करनी है
पेट का सवाल है
मैं क्या चाहता हूँ
यह मायने नहीं
खबर सच हो या न हो
चटखारे वाली
मिर्च मसाले वाली हो
भले उसमें दम न हो
सच से कोसों दूर हो
दरबारी संस्कृति और चाटूकारिता
जिसकी सत्ता उसका बोलबाला

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