Friday 27 November 2020

नहीं तो मैं शून्य

तुम बोलों मैं चुप रहूँ
तुम जो कहों वह मैं करूँ
तुम्हारी हर बात को सही मानू
तुम कुछ गलत करों तब भी प्रशंसा करूँ
तुमको जो पसंद हो वह मुझे भी पसंद हो
तुम जो चाहो वैसा मैं पहनूँ
तुम जैसा चाहो वैसा मैं बोलूं
तुम्हारे बिना कोई निर्णय न ले सकूँ
बिना आज्ञा के कहीं आ - जा न सकूं
हर बात में तुम्हारी सहमति
तुम्हारे घर को संवार कर रखू
तुम्हारे सारे काम मेरे जिम्मे
भोजन से लेकर कपडा इस्तरी करने तक
कभी बीमार न पडूं
आराम करने का तो अधिकार नहीं
अपनी मर्जी से पैसा खर्च न कर सकूँ
एक एक पाई का हिसाब दूं
घर के हर जरूरत का ध्यान रखूं
यह सब करती तो रहूँ
साथ में मुस्कराती भी रहूँ
कभी चेहरे पर शिकन न आने दूं
कोई शिकवा - शिकायत न करूँ
बस यंत्रचलित अपना काम करती रहूँ
तभी मैं अच्छी बनी रहूँगी
अपना अस्तित्व अपना व्यक्तित्व सब अस्त
बस तुम्हारी परछाई
जब तुम चलो
साथ साथ मैं चलूँ
नहीं तो मैं शून्य

No comments:

Post a Comment