Sunday 20 June 2021

पिता बोलता नहीं करता है

पिता बोलता नहीं करता है
वह गरजता नहीं  बरसता है
अपने बच्चों पर प्यार  की बौछार
बिना जताए सब कुछ  लुटाता है
घर की छत समान होता है
उसके आश्रय में  परिवार रहता है
आसमान सा विशाल हदय रखता है
माँ का नाम होता है
जिसमें उसका योगदान होता है
बच्चों के लिए जो बन पडे
वह करता है
त्याग  और बलिदान यह तो पिता से ज्यादा किसी के बस में  नहीं
माॅ अगर गर्भ में  नौ महीने रखती है  तो वह ताउम्र मन में  रखता है
स्वयं मेहनत करता है
बाॅस की डाट सुनता है
तब बच्चों का पेट भरता है
बच्चों को देख उसका सीना गर्व से चौडा हो जाता है
वह भले गले न लगाए
दिल से लगाए रखता है
दिखता है कठोर सा
पर बहुत नाजुक सा मन होता है
कर्म से बंधा होता है
तभी  तो वह अनुशासन से लबरेज होता है
माॅ  का  नाम भले हो पर उसके पीछे बाप का प्यार होता है
चिंतित वह रहता है तभी माँ निश्चिंत रहती है ।

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