Saturday 24 July 2021

अपने सभी गुरुजनों को नमन

गुरू बिना ज्ञान  कहाँ??
हर उस गुरू पर गुरूर
जिससे हमने सीखा
सीखना असीमित है
गुरू की भी कोई सीमा नहीं
बचपन से गिरते - पडते
पाठशाला की दहलीज पार करते
जीवनयात्रा में आज तक न जाने कितने गुरू
सभी को नमन
तहे दिल से शुक्रिया
तुम न होते तो जो आज हम हैं
वह हम न होते
जैसे भी सिखाया हो
जाने में
अंजाने में
प्यार से
अपनेपन से
डांट से क्रोध से
उपेक्षा से भी
हमने तो सीखा
आज भी सीख ही रहे हैं
उम्र कोई मायने नहीं रखती
एक बच्चा और युवा भी सिखा जाता है
और जो सही है
जायज है
उसे सीखने और अपनाने में गुरेज क्यों 
हमें तो सीखना है
स्वयं को Update रखना है
हमारे जीवन में सहभागी होने के लिए
आप को शायद हम याद रहें या न रहें
पर आप हमारे दिल में हैं
दिमाग में हैं
     धन्यवाद और शुक्रिया

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