Tuesday 24 August 2021

बस इतना ही

जीवन की संध्या पर
एक साथी का होना जरूरी है
जब तक सांस चलती है
तब तक जरूरत भी चलती है
जब तक आप जवान है
कोई गम नहीं
जब उम्र ढलती है
तब साथ छूटने लगता है
दोस्तों के  , रिश्तेदारों के
यहाँ तक कि अपने बाल - बच्चों के भी
गलती किसी की नहीं
वक्त का तकाजा है
जब हमारा अपना शरीर ही साथ नहीं दे रहा हो
तब दूसरे से अपेक्षा कैसी
बस एक साथी हो
पल - पल का भागीदार हो
सुख दुख साथ काटे
बीमारी  हारी में खडा रहे
बस और कुछ नहीं चाहिए

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