Thursday 30 September 2021

चलो अब स्कूल चलते हैं

चलो अब स्कूल चलते हैं
कुछ मस्ती- वस्ती करते हैं
घर में  बैठे  - बैठे बोर हो गए
वीडियों गेम खेलने का मन नहीं करना
दोस्तों के साथ रमने का दिल करता है
मम्मी  - पापा का प्यार नहीं भाता
टीचर की डांट सुनने का मन करता है
टेलीविजन सामने नहीं ब्लेकबोर्ड की याद आती है
इस रंगबिरंगे रंग से वह काला रंग बहुत भाता है
हाथ में  अब रिमोट नहीं चाक लेने का मन करता है
अब घर में बंद नहीं क्लास के बाहर पनिशमेंट होकर खडे रहने का मन करता है
अब भाई - बहन नहीं दोस्तों का साथ चाहता है
घर का खाना नहीं दोस्तों का टिफिन याद आता है
वह आधी छुट्टी वह पुरी छुट्टी सब याद आते हैं
वह रूठना - मनाना

चलो अब स्कूल चलते हैं 
वह सहपाठियों की शिकायत करना
वह दूसरे की काॅपी में ताक - झांक  करना
वह खो - खो और कबड्डी
वह झंडावंदन और परेड
वह सुबह की प्रार्थना
वह मिस को गुड मार्निग  और नमस्ते
वह पीछे की बेंच पर बैठ न जाने क्या- क्या रेखांकित करना
वह आधा झूठ और आधा सच बोलना
होमवर्क न करने के तमाम बहाने बनाना
वह बीमार होने का नाटक कर घर बैठना अब रास नहीं आता
अब चलना है पाठशाला 
पढना भी है हुडदंग भी मचाना है
टीचर को तंग करना है
अव्वल नंबर लाना है
घर की चहारदीवारी से मुक्त हो हरियाली में विचरण करना है
बस स्टाप पर मस्ती करना है
कभी डांट कभी प्यार के साये में रहना है
साथ ही  साथ करोना के नियमों का पालन करना है
तो चलो अब स्कूल चलते हैं।

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