Thursday 23 September 2021

यह है अखबार

ताजा - ताजा खबरें देनेवाला यह अखबार
रात होते - होते बासी हो जाता है
सुबह सुबह  जिसका रहता बेसब्री से इंतजार
बाद में  कहीं करीने से रख दिया जाता है
हर रोज जो अनमोल रहता है
महीने भर बाद रद्दी के भाव बेच दिया जाता है
सारे जग की कहानियां सुनाने वाला
एक कहानी बन कर रह जाता
आज की खबर देनेवाला
कल का होकर रह जाता है

सुबह सुबह जो करारा करारा
बिना सिकुड़न औ सिलवट के
बाद में किसी सामान की पुडिया बन जाता है
उपयोग कर तोड़ मरोड कर फेंक दिया जाता है
गल जाता है पानी में
ऐसा निशान छोड़ जाता है
जो सदियों तक याद रहता है

आज की ताजा खबर
आज की ताजा खबर कह
इसे बेचने वाले हर गली - चौराहे पर
देर रात तक छपता है
सुबह निकल कर हर घर पहुँचता है
दूध के बाद किसी की याद
तब होता है वह अखबार
चाय - काॅफी की चुस्कियों के साथ
इसे पढना भी लगता है मजेदार

ज्ञान तो मिलता ही है
देश - दुनिया की बातें भी
खेल हो या मनोरंजन
हर तरह का मानसिक खाद्य परोसता है यह
यहाँ तक कि भाग्य भी बताता है
ज्योतिष द्वारा दिवस और हफ्ते की भविष्यवाणी भी करता
अफसोस यह अपना भविष्य नहीं जानता

घर और चाय की दुकान से
कब यह पुडिया या कूडे के ढेर में
या किसी गरीब का फुटपाथ पर बिछौना
यह सूर्य के समान है
जो सुबह प्रकाश के साथ निकलता है
संध्या होते होते बिदा लेने लगता है
अगले दिन फिर आगमन के लिए।

No comments:

Post a Comment