Wednesday 29 December 2021

काश । ये जिंदगी तू मेरी माँ जैसी होती

काश । ये जिंदगी तू मेरी माँ जैसी होती
तब तू कैसी भी होती
मुझे प्यारी ही लगती
माँ का हर रूप खूबसूरत
उसका कोई रंग नहीं
काली  - गोरी
लंबी - छोटी
सुंदर- साधारण
पढी - लिखी -- अनपढ़
अमीर- गरीब
कुशल - अकुशल
उसके प्यार के रंग के आगे सब फीके

पर तू ऐसी नहीं है न
जीने के लिए तेरी न जाने कितनी शर्तें
ऐसा हो वैसा हो
यह करना वह करना
ऐसा - वैसा , यह - वह के चक्कर में
तू हमेशा फंस जाती है
तू हमेशा मेरे लिए ही सोचती
सब अच्छा अच्छा ही करती
असलियत तो यह है
जिंदगी तू बहुत टेढ़ी मेढी है
माँ जैसी सरल नहीं

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