Tuesday 10 May 2022

माता का कोई मोल नहीं

आज मातृ दिवस है
जन्म देनेवाली माँ का तो आभार
उसको हम कहाँ भूलेंगे
साथ में और भी जितनी भी माँ
सभी को आभार और धन्यवाद

एक हमारी धरती माता
जिसकी मिट्टी में हम खेल कूद कर बडे हुए
हमारा सारा भार सह रही
न जाने अंजाने क्या क्या किया

एक हमारी भारत माता
जिसकी गोद में हम स्वतंत्र हैं
हमारा अधिकार है
रहने का खाने का 
संविधान का

एक हमारी नदी माता
नाम भले अलग हो
गंगा , यमुना , गोदावरी या और कुछ
जिन्होंने अपना शीतल जल दिया
हम पर अपनी जलधारा बहा रही हैं

एक हमारी गऊ माता
यह तो हम बचपन से पढते आए हैं
निबंध लिखते आए हैं
गाय हमारी माता है
माँ के दूध के बाद इसका दूध

एक हमारी गुरु माता
माँ के बाद अगर और कोई जगह सुरक्षित है
तब वह है पाठशाला में
जहाँ बचपन बीतता है
हम सीखते हैं

ऐसी न जाने कितनी माताएं
वह मौसी हो चाची हो मामी हो
जिसने माँ का फर्ज निभाया
हर उस माँ को सलाम

जगतजननी माँ जगदम्बा
उनका हर रूप
जिससे हमें शक्ति , संपत्ति , विद्या
सभी की प्राप्ति
जिनकी कृपा अपरम्पार

माॅ का तो मोल नहीं
वह अनमोल है
उसका हम पर वह अहसान है
जिसकी कीमत नहीं लगाई जा सकती
बस आभार और धन्यवाद कर सकते हैं
हर उस माँ को सलाम
जिसने जीवन में अमूल्य योगदान दिया

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