Sunday 5 June 2022

विश्व पर्यावरण दिवस

हरी - भरी वसुंधरा 
हरा - भरा चमन
सुजलाम सुफलाम धरती
स्वच्छ नीला आसमान 
स्वस्थ धरती 
ऊंचे पर्वत 
लहराती नदी
झिलमिलाते तारे
झूमते पेड़ 
न जाने कितने तरह के फूल - फल
औषधीय गुणों से भरपूर जंगल
जंगलीय जीव
इन सबकी उपस्थिति से सबका जीवन बनता है सुंदर 
सुखद और सुकून भरा
तब इनकी रक्षा और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हम पर
वे तो बस देते हैं 
चुपचाप रहकर 
सब कुछ सहकर
कब तक यह बुद्धिजीवी प्राणी उनका शोषण करेगा 
कब तक दुहता रहेगा 
अभी भी समय है सचेत जाएं 
ऐसा न हो सब साथ छोड़ दे
तब तो सांस भी साथ छोड़ देगी 
जीवन भी खत्म 
अगर जीना है तो सबको साथ लेकर
सबका साथ तभी मानव तुम्हारा विकास
इनको बचाएँ रखने का प्रयास 
तभी आपकी पूरी होगी सब आस

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