Thursday 30 June 2022

यही तो बात है

आज शहर की हवा कुछ गर्म है 
मन में सर्द की लहर है 
ऑखों में ऑसू मुख पर मुस्कान है 
न जाने क्या बात है
खुश हो या गम मनाए
यह समझ के बाहर है
कुछ तो ऐसी बात है
जो मन के विरुद्ध है
क्या करें क्या न करें 
यह निर्णय तो मुश्किल है
किस ओर जाए किस ओर नहीं 
मन तो गुमराह है
जब बात हो ऐसी
चित भी अपनी पट भी अपनी
यही तो असली बात है ।

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