Sunday 11 September 2022

रोटी ,कपडा और मकान

मेरे पास घर है
पहनने के लिए कपडे हैं 
पेट भरने के लिए भोजन है
आने जाने के लिए वाहन है
हाथ में मोबाईल फोन है
इसीलिए मैं अमीर हो गया ??
यह तो सामान्य जरूरतें हैं 
अब यह सब भी न हो
तब दिन रात मेहनत करने की क्या आवश्यकता 
लेकिन कुछ लोगों को यह भी खटकता है
वे ताना देने में नहीं चूकते
अरे तुम्हारा क्या है
किस चीज की कमी है
हालांकि वे लोग भी यही सब चाहते हैं कर नहीं पाए 
यह अलग बात है
हमारी मेहनत 
हमारी मितव्ययिता 
हमारी सोच और भावना
यह नहीं दिखाई देगा
जब मकान खडा होता है तब न जाने उसमें कितनी खून - पसीने की कमाई लगी होती है
ऐसा है क्या अच्छा जीवन जीने का अधिकार केवल चंद लोगों को
हर शख्स का अधिकार है
रोटी , कपडा और मकान 

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