Tuesday 20 September 2022

सम्मान पर सबका हक

कौआ कांव कांव कर रहा था खिड़की पर
मन विचलित हो रहा था
कुछ दे दूं इसको खाने के लिए तो उड जाएंगा
रात की रोटी थी वह फेंक दिया
उसने देखा तक नहीं और उड गया
मानो बोल रहा हो
मैं बासी और फेकी हुई चीज नहीं लेता
मेरा भी अपना स्वाभिमान है

बात भी सही है
हमारे घर में जब कुछ बच जाता है
या खराब हो रहा होता है
या कीडे लग रहे होते हैं
तब कभी-कभी हम किसी गरीब को दे देते हैं
यह समझे बिना
जो हम नहीं खा सकते वह कैसे खाएंगा

देना है तो अच्छा दो
मान सम्मान से दो
उपेक्षा से और कमतर समझ कर नहीं
उसका फोटो निकालना
एहसान जताना
एहसास कराना उसकी तुच्छता का
वह भले ही गरीब हो
भिखारी हो
पर है तो इंसान ही
आप और हम जैसे
तब वही व्यवहार करें
जो एक इंसान को इंसान से करना चाहिए

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