Sunday 16 October 2022

कृष्ण 18

यच्च्पि सर्व भूतानां बीजं  तदहमर्जुन  ।
न तदस्ति  विना यत्यस्नान्मया  भूतं  चराचरम्। ।


यही नहीं,  हे अर्जुन! 
मैं समस्त सृष्टि का जनक बीज हूँ 
ऐसा चर तथा अचर कोई भी प्राणी नहीं है
जो मेरे बिना रह सके ।

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