Monday 24 April 2023

किताब की कहानी

किताबें तो हमने बहुत पढी है
उन किताबों में जो जिंदगी है उनको भी समझा है
फिर भी ऐसा लगता है
हम लोगों को पढने में नाकामयाब रहें 
समझ नहीं पाते 
कौन सही कौन गलत
कब कौन किस करवट बदलेगा 
यह भी तो नहीं पता
पता नहीं किस किताब में लिखा होगा
लोगों को कैसे पढे 
कौन अपना कौन पराया 
ऐसा महसूस होता है 
कहानी से लोग नहीं 
लोग से कहानी बनती है ।

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