Saturday 30 September 2023

श्राद्ध का पर्व

आज से श्राद्ध शुरू हो रहे हैं 
श्रद्धा और भक्ति से अपने पितरों को याद करने का मास
उनको जिनके कारण तुम इस संसार में आए हो
उनके प्रति कृतज्ञता तो बनती ही है
मृत्यु के बाद भी याद करना 
इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है 

एक और बात याद रहें 
जो पृथ्वी पर हैं हमारे जन्मदाता 
उनके प्रति भी जवाब दे ही बनती है
मृत्यु पर भोज और जीते जी भोजन के लिए तरसे 
मृत्यु पर नया कफन और जीते जी फटेहाल 
प्रेम और अपनेपन के लिए तरसते हमारे बुजुर्ग 
आज वृद्धावस्था में तिरस्कृत हो रहे हैं 
वे कभी घर की शान हुआ करते थे
मुखिया होते थे
निर्णय उनके अनुसार लिया जाता था 
आज उपेक्षित हो रहे हैं 

संयुक्त परिवार खतम हो रहे हैं 
एकल में उनके लिए स्थान नहीं है
पेड़ कितना भी पुराना क्यों न हो
छाया ही देता है
ये हमारे बुजुर्ग जीते जी तो हम पर आशीर्वाद बनाएं रखते हैं 
मृत्यु के बाद भी वे कुछ दिनों के लिए पृथ्वी पर आते हैं 
अपने बच्चों को आशीर्वाद देने के लिए 
उनको देखने और निहारने के लिए 
पितृपक्ष मनाएं पर साथ में बुजुर्गों पर भी ध्यान दे 
आशीर्वाद की बौछार होगी 
बच्चे फले- फूलेगे और आगे बढ़ेंगे। 

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