Thursday 18 January 2024

मन कितना मजबूत??

किसी रिश्तेदार ने कहा
आप जैसी दिखती है वैसी है नहीं 
मन से बहुत मजबूत हैं 
सुनकर हंसी आ गई 
मजबूत ??
न जाने कितनी रातें जाग कर बिताई है
रो - रो कर दिन काटे हैं 
ऑखों में ऑसू छिपाए हैं 
लिख - लिखकर पन्ने फाडे हैं 
मन मसोसकर रह गए हैं 
जवाब नहीं दे पाए हैं 
जो कुछ भी नहीं हमारे सामने 
वह भी सिखा गए हैं 
जो सोचा नहीं 
वह देखा है
झेला है
जीवन का न जाने कितना खेला है
जब खुद पर पडता है ना 
तब अकल आ जाती है
न आए तो गिरते - पडते सीख ही जाते हैं 
मन तो सबका कोमल ही होता है
जब वक्त के थपेडों से सामना होता है
तब सब कोमलता धरी रह जाती है 
पग - पग पर परीक्षा 
बडे रास्ते क्या पगडंडी में भी रूकावट 
चलना फिर भी होता ही है
न चले तो फिर क्या करें 

दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पडेगा 
जीवन है अगर तो आग के दरिया को पार करना ही पड़ेगा। 

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