Monday 9 February 2015

सुरक्षा पर समझौता नहीं।


कभी एयरपोर्ट पर भैस घुस आती है, कभी कड़ी सुरक्षा का घेरा तोड़कर कुत्ता घुस आता है । यह एक प्रश्नचिन्ह है, सुरक्षा एजेन्सीयो पर। किसी भी चिज़ को हल्के से नही लेना चाहिए।

संसद भवन पर हमले की साजिश, दो भूतपूर्व प्रधानमंत्रीयों की जान का जाना,
 इन सबके बाद कुछ तो सीखना चाहिए।

नेता हो या आम आदमी, सभी की सुरक्षा अनिवार्य है। 

अतः हर वक्त कड़ी निगरानी, पैनी नज़र और सतर्कता बरतनी चाहिए।

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