Tuesday 28 July 2015

बेटी बोझ नहीं लोगो की सोच ठीक नही

लोग कहते है कि बेटी और बेटे में भेदभाव अभिभावक करते है इसके पीछे के कारण को जानना होगा,
बेटी के साथ डर जुडा होता है, समाज का डर,अच्छे घर वर का डर। 
बेटे के लिए किसी पिता ने अपनी पगडी किसी के पैरो पर नही रखी होगी,
किसी के आगे हाथ जोडकर गिडगिडाया नहीं होगा,

गरीब से गरीब भी बेटे के लिए कुछ न करे पर कर्ज लेकर और घर गिरवी रखकर भी बेटी का ब्याह करना चाहता है, बेटी मॉ पिता ,खानदान की इज्जत और स्वाभिमान का प्रतीक है। 

अगर बेटी सुखी न हो तो माता पिता जीते जी मर जाते है,
 बेटी को तिल तिल मरते देख शायद लोगो ने इन मुसीबतों से छुटकारा दिलाने के लिए हो यह कदम उठाया होगा, 

अपनी संतान सबको प्यारी होती है, गला घोटना और चारपाई के पाए तले दबाना अब आधुनिक युग मे भ्रूण हत्या हो गई है  बेटी बचाओ  बेटी पढाओ

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