Tuesday 18 July 2017

दिल और यादों में रहेगे हरदम

जब तुम न होगे तब भी तुम्हें लोग याद करेंगे
तुम्हारी इसी अदा की तारीफ करेंगे
जब कभी तन्हाइयॉ होगी
तुम्हारी याद में होठों पर हँसी की फुहारे आ जाएगी
जब कभी आपस में मिल बैठेगे
तब आपकी  कमी तो अवश्य महसूस होगी
आपकी याद में शेरों - शायरी की महफिले भी जमेगी.
स्वयं भी हंसेगे लोगों को भी हंसाएगे
वाह- वाह ,शुभान अल्लाह की गूंज भी होगी
रंगीन शमा तो होगा पर आप बिना सब खालीपन होगा
वहीं समारंभ होगे ,वहीं प्रतियोगिताएं होगी
सब कुछ वही होगा पर तुम न होगे
वह रौनक वह जलवा न होगा
संगत नहीं तो रंगत कैसे होगी
आपकी कुर्सी भी खाली होगी पर फिर भी आपका अहसास तो होगा ही
पर जाना तो होगा ही
रूकना तो संभव नहीं
पर यादे तो साथ रहेगी हमारे साथ - तुम्हारे साथ
वक्त - वक्त पर तुम याद आओगे
हम तो तुम्हें याद करेंगे पर तुम भी हमें कहॉ भूल पाओगे
हमारी हँसी तुम्हारे कानों मे खनकती रहेगी
न भूलोगे तुम न भूलेगे हम
सामने न हो हम भले
दिल और यादों में रहेंगे हरदम

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