Wednesday 19 July 2017

अगर तुम न होते

अगर तुम न होते तो किससे बतियाती
किससे लाड लडाती
किससे सुख- दुख बॉटती
किसे जी भर गुस्सा करती
किसकी बाट जोहती
किस पर हक जताती
किससे रूठती
किस पर रौब झाडती
किसके मन की रानी बनती..

तुम हो तो सब है
नौकरानी नहीं तुम्हारी रानी हूँ
तुमको देख चेहरे पर मुस्कान आ जाती
तुम्हारी उपस्थिति सुरक्षा का एहसास दिलाती
तुम्हारा साथ पाकर अपने को सौभाग्य शाली मानती
तुम्हारा - हमारा तो जन्मों का साथ
यह मालिक और दासी का रिश्ता नहीं
पति - पत्नी का है
एक के बिना दूसरा अधूरा है

No comments:

Post a Comment