Tuesday 20 November 2018

तुम जीवन नहीं मृत्यु हो

जरा ठहर जा
तू आएगी दबे पैर
कोई रोक नहीं सकेगा
यहाँ सब कुछ अनिश्चित
बस तुम्हारा आगमन निश्चित
कोई स्वागत नहीं करता
फिर भी तुम्हें आना है
सारे सपनों और ईच्छाओं को रौंद डालना है
सबको रूलाना है
बिलखते अपने से दूर ले जाना है
उस जगह का कोई अता पता नहीं
तुम किसी के वश मे नहीं
बड़े बड़े बलवान -बलशाली भी बेबस
सबको नाता तुड़वाकर
अपने साथ ले जाती
तुम्हें किसी की मोह माया नहीं
बहुत क्रूर है तुम्हारा ह्रदय
एक बार जब छिन लेती हो तो फिर वापस नहीं करती
आत्मा तक निकाल लेती हो
सब तुमसे डरते हैं
कोई तुम्हें पाना नहीं चाहता
पर तुम तो आओगी ही
आओ पर जरा रूक कर
उचित समय पर
दूनिया को देखने समझने तो दो
अपनों के साथ जीने तो दो
अपना कर्तव्य पूरा करने तो दो
असमय नहीं समय से आओ
तब तुम्हारा भी इंतजार
खुशी खुशी साथ चल देगा
तुम ही सत्य हो
यह तो सब जानते हैं
फिर भी कतराते हैं
कब तुम किसका भक्षण कर डालो
तुम्हें तो बहाना चाहिए
सारा ज्ञान विज्ञान तुम्हारे सामने बेबस
पैसा संपत्ति सब लाचार
तुम ही सर्व शक्तिमान
क्योंकि तुम जीवन नहीं मृत्यु हो

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